अपने मन की तु बात न कर,
सारे जज्बात अब रहने दो,
जो दिल में है वो रहने दो,
बस जुंबा को ही कहने दो।
दिन सुहाने बित गए
गिने कितने तारे रातों को
ख्वाबों की तु बात न कर
अब सब कुछ बस राज ही रहने दो|
जीवन का गीत मेरे मनमीत
बस गुनगुनाहट की गुंज ही बाँकी है
तुम तकते हो मुझे, मैं तकती हुं तुम्हे
इतना ही है खास अब रहने दो,
भुले तुम दुनिया के मेलेम में,
मैं भी अपनी ही झमेले में
चाहा था तुम्हे, चाहा है,
इस बात का बस् एहसास ही रहने दो।



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